2025 में उर्वरकों, एग्रोकेमिकल्स और बीजों पर नया GST रेट – किसानों के लिए बड़ी राहत

सितंबर 2025 से भारत की जीएसटी परिषद ने कई महत्वपूर्ण कृषि उत्पादों पर टैक्स की दरें कम कर दी हैं। किसान अब उर्वरकों, कीटनाशकों और बीजों पर बहुत कम जीएसटी देंगे। इस लेख में विभिन्न उर्वरकों (जैसे यूरिया, डीएपी, एनपीके, जैविक), कृषि-रसायनों (जैसे कीटनाशक, खरपतवारनाशक और जैव-कीटनाशक) और बीजों पर नई जीएसटी दरों को स्पष्ट रूप से समझाया गया है साथ ही पुरानी और नई जीएसटी दरों की तुलना भी की गयी है।
एक नज़र में: किसानों के लिए नए जीएसटी लाभ (2025)
- उर्वरक पर जीएसटी घटकर 2.5% – यूरिया, डीएपी, एनपीके और पोटाश अब पहले से सस्ते।
- जैव-उर्वरक और जैविक खाद: 0–2.5% जीएसटी – प्राकृतिक खेती को बढ़ावा।
- कीटनाशकों पर जीएसटी घटकर 9%, जैव-कीटनाशकों पर केवल 2.5% – कीट नियंत्रण की लागत कम।
- बुवाई के लिए बीज: 0% जीएसटी – किसान बिना टैक्स के बीज खरीदना जारी रख सकेंगे।
- कृषि मशीनरी और सिंचाई उपकरण: 5% जीएसटी – नए उपकरण खरीदना सस्ता।
- कुल मिलाकर खेती की लागत कम हुई है, जिससे भारत के हर छोटे और बड़े किसान को मदद मिलेगी।
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2025 में उर्वरकों के लिए जीएसटी दरें
1. मुख्य रासायनिक उर्वरक (यूरिया, डीएपी, एनपीके, पोटाश): 2.5% जीएसटी
मुख्य उर्वरक जो किसान उपयोग करते हैं जैसे कि यूरिया, डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी), एनपीके मिश्रण, और म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) पर अब केवल 2.5% जीएसटी लगता है। पहले इन उर्वरकों पर 5% जीएसटी था। इसका मतलब है कि टैक्स की दर आधी कर दी गई है इसलिए दुकानों और सहकारी समितियों में उर्वरक की कीमतें कम होने की उम्मीद है।
2. उर्वरकों के कच्चे माल: 2.5% जीएसटी
उर्वरक बनाने में उपयोग होने वाले कई कच्चे माल जैसे सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड और अमोनिया पर पहले 18% जीएसटी था। अब उन पर भी 2.5% जीएसटी लगता है। यह एक बड़ा बदलाव है क्योंकि पहले कच्चे माल पर तैयार उत्पाद से ज़्यादा टैक्स लगता था। इसे "उल्टा शुल्क ढांचा" (inverted duty structure) की समस्या कहा जाता था जब कच्चे माल पर अंतिम उत्पाद से ज़्यादा टैक्स लगता था। इन कच्चे मालों पर जीएसटी घटाकर सरकार ने उर्वरक कंपनियों के लिए उर्वरक का उत्पादन करना आसान और सस्ता बना दिया है। इससे किसानों के लिए कीमतें कम करने में मदद मिलती है।
3. जैविक उर्वरक और खाद: 0 - 2.5% जीएसटी
जैविक खाद और कम्पोस्ट यदि थोक में और बिना ब्रांडेड पैकेट के बेचे जाते हैं तो वे पूरी तरह से जीएसटी से मुक्त हैं (0%)। यदि जैविक उर्वरक छोटे ब्रांडेड पैकेट में बेचे जाते हैं तो उन पर 2.5% जीएसटी लगता है। इससे छोटे और मध्यम किसानों के लिए जैविक और प्राकृतिक खेती सस्ती बनी रहती है।
4. जैव-उर्वरक: 0 - 5% जीएसटी
जैव-उर्वरक (जैसे राइजोबियम, एजोटोबैक्टर, फॉस्फेट सोल्यूबिलाइजिंग बैक्टीरिया, आदि) को अधिकतर जैविक उत्पादों के रूप में माना जाता है। वे आम तौर पर पैकेजिंग और वर्गीकरण के आधार पर 0-5% जीएसटी के दायरे में आते हैं। इससे मिट्टी में सुधार करने वाले प्राकृतिक उत्पाद सस्ते हो जाते हैं और पर्यावरण-अनुकूल खेती को प्रोत्साहन मिलता है।
कृषि-रसायनों (पेस्टिसाइड, कीटनाशक, खरपतवारनाशक) पर जीएसटी
1. रासायनिक कीटनाशक, और खरपतवारनाशक: 9% जीएसटी
अधिकांश रासायनिक-आधारित कीटनाशक, फफूंदनाशक और खरपतवारनाशक अब 9% जीएसटी के अंतर्गत आते हैं जो पहले 18% था। उदाहरण के लिए एक कीटनाशक की बोतल जिस पर पहले ₹100 के मूल्य पर ₹18 टैक्स लगता था, अब उस पर केवल ₹9 टैक्स लगेगा। इसका मतलब है कि कीट और खरपतवार नियंत्रण उत्पाद खरीदने वाले किसानों के लिए कीमतों में सीधी कमी।
2. जैव-कीटनाशक: 2.5% जीएसटी
12 प्रमुख जैव-कीटनाशकों (जैसे बैसिलस थुरिंजिएंसिस, ट्राइकोडर्मा और नीम-आधारित जैव-कीटनाशक) पर जीएसटी 12-18% से घटाकर 2.5% कर दिया गया है। जैव-कीटनाशक प्राकृतिक कीट नियंत्रण एजेंट हैं जो मिट्टी और मनुष्यों के लिए सुरक्षित हैं। इस टैक्स कटौती से वे अधिक किफायती हो जाते हैं और जैविक व टिकाऊ खेती में उनके उपयोग को प्रोत्साहन मिलता है।
3. सूक्ष्म पोषक तत्व और बायो-स्टिमुलेंट्स: 2.5% जीएसटी
पौधे की वृद्धि में सहायक(Growth-Promoters) सामग्री जैसे जिंक, बोरॉन, नीम का तेल, जिबरेलिक एसिड और उर्वरक नियंत्रण आदेश के तहत अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों पर अब 2.5% जीएसटी लगता है जो कि पहले 12% जीएसटी था। यह कमी उन किसानों की मदद करती है जो फसल की गुणवत्ता और उपज में सुधार के लिए सूक्ष्म पोषक तत्वों का उपयोग करते हैं। उदाहरण:
- रासायनिक कीटनाशक – 9%
- खरपतवारनाशक – 9%
- जैव-कीटनाशक – 2.5%
- सूक्ष्म पोषक तत्व और वृद्धि प्रमोटर – 2.5%
बीज और संबंधित इनपुट पर जीएसटी
1. बुवाई के बीज: 0% जीएसटी (छूट प्राप्त)
बुवाई/रोपण के लिए उपयोग किए जाने वाले सभी बीज जैसे कि गेहूं, धान, मक्का, सब्जियां, फल, फूल और यहां तक कि मसाले भी अब पूरी तरह से जीएसटी-मुक्त हैं (0%)। किसानों को बुवाई के लिए प्रमाणित बीज खरीदते समय कोई जीएसटी नहीं देना पड़ता है।
2. तिलहन और खाने योग्य बीज: 2.5% जीएसटी
जो बीज बुवाई के लिए उपयोग नहीं किए जाते हैं जैसे कि तेल के लिए सरसों के बीज या तेल निकालने के लिए तिल इन पर अब 2.5% जीएसटी लगता है। केवल बुवाई/रोपण के लिए बीज पूरी तरह से छूट प्राप्त हैं।
3. मछली और झींगा के बीज: 0% जीएसटी
मछली पालन और जलीय कृषि में उपयोग होने वाले बीज जैसे कि मछली के बच्चे (फिंगरलिंग्स) और झींगा के बीज भी जीएसटी से मुक्त हैं। इससे मछली पालकों को इनपुट लागत बचाने में मदद मिलती है।
4. सीड ड्रिल और बुवाई के उपकरण: 5% जीएसटी
बुवाई और रोपण के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण जैसे सीड ड्रिल, प्लांटर्स और उर्वरक छिड़कने वाले यंत्र पर 5% जीएसटी लगता है। यह कृषि मशीनरी लाभों का हिस्सा है।
छूट और रियायतें
1. बीज और जैविक इनपुट
बुवाई के लिए बीज और जैविक खाद पूरी तरह से जीएसटी से मुक्त हैं (0%)। इसका मतलब है कि किसान उन्हें बिना अतिरिक्त टैक्स चुकाए खरीद सकते हैं।
2. पेटेंट और जैव प्रौद्योगिकी
नए जैव प्रौद्योगिकी-आधारित कृषि इनपुट, जैसे कि बायो-एंजाइम या आनुवंशिक रूप से बेहतर रोगाणु अक्सर कम जीएसटी स्लैब या छूट में आते हैं। इससे कंपनियों को नवाचार करने और किसानों को आधुनिक, पर्यावरण-अनुकूल समाधान तक पहुंचने में मदद मिलती है।
3. अन्य रियायतें
सरकार ने कृषि मशीनरी और सिंचाई की वस्तुओं पर भी जीएसटी कम कर दिया है। उदाहरण के लिए, ट्रैक्टर, टिलर, डीजल इंजन (15 एचपी तक), और ड्रिप सिंचाई प्रणाली पर 5% जीएसटी लगता है। ये बदलाव उन किसानों के लिए लागत कम करते हैं जो नई मशीनरी या सिंचाई के उपकरण खरीदते हैं।
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तुलना तालिका: जीएसटी दरें 2025 बनाम 2017 के बाद
उत्पाद | जीएसटी-2025(%) | पुरानी जीएसटी(%) |
यूरिया (नाइट्रोजनयुक्त उर्वरक) | 2.5 | 5 |
डीएपी (फॉस्फेटिक उर्वरक) | 2.5 | 5 |
म्यूरेट ऑफ पोटाश (पोटासिक) | 2.5 | 5 |
उर्वरक-ग्रेड सल्फ्यूरिक/नाइट्रिक/अमोनिया | 2.5 | 18 |
जैव-कीटनाशक | 2.5 | 12 - 18 |
रासायनिक कीटनाशक | 9 | 18 |
सूक्ष्म पोषक तत्व मिश्रण | 2.5 | 18 |
बीज (बुवाई के लिए) | 0 | 0 |
अन्य खाद्य/मसाला बीज | 2.5 | 0 |
जैविक खाद (थोक) | 0 | 0 |
उर्वरक (एनपीके, मिश्रित) | 2.5 | 5 |
जीएसटी 2017 की दरें शुरुआती जीएसटी-लागू होने के बाद की दरों को संदर्भित करती हैं। 'कृषि इनपुट छूट' में कई ताजा उत्पाद शामिल हैं, लेकिन यहां हम उर्वरकों, बीजों और कृषि-रसायनों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
ये बदलाव किसानों की मदद कैसे करते हैं?
ये नई जीएसटी दरें किसान समुदाय के लिए एक बड़ी राहत हैं। कम जीएसटी का मतलब है:
- उर्वरकों, बीजों और कीटनाशकों की कम कीमतें।
- किसानों के लिए फसल उत्पादन लागत में कमी।
- जैविक और जैव-आधारित खेती के लिए प्रोत्साहन।
- कृषि-डीलरों के लिए सरल बिलिंग और अनुपालन।
उदाहरण के लिए यूरिया का 50 किलो का एक बैग जिसमें पहले ₹15 जीएसटी शामिल होता था अब उसमें केवल लगभग ₹7.5 जीएसटी शामिल हो सकता है। यह अंतर एक सीजन में बड़ी बचत में बदल सकता है। किसानों को अपनी खरीद की रसीदों की जांच करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि डीलरों द्वारा नई जीएसटी दरें सही ढंग से लागू की गई हैं।