ट्रैक्टरों, उपकरणों और टायरों पर GST 2025 – किसानों के लिए नई दरें और बचत

सितंबर 2025 से दो-स्लैब वाली GST व्यवस्था: सितंबर 2025 की शुरुआत में, GST काउंसिल ने एक बड़ा और आसान बदलाव किया है: अब ज़्यादातर सामानों पर केवल 5% और 18% GST लगेगा। पुरानी 12% और 28% की दरों को खत्म कर दिया गया है। साबुन और शैम्पू जैसे रोज़मर्रा के कई उत्पाद 5% पर आ गए हैं। कृषि के लिए सबसे ज़रूरी बात यह है कि खेती की मशीनें और उनसे जुड़ा सामान 5% के दायरे में ला दिया गया है। हस्तशिल्प और खेती से जुड़े सामान (जैसे ट्रैक्टर, कम्पोस्टर, आदि) पर अब 12% या 18% की जगह सिर्फ 5% GST लगेगा। अब देश भर के किसान नई दरों के तहत सस्ते ट्रैक्टर, उपकरण और स्पेयर पार्ट्स की उम्मीद कर सकते हैं।
खुशखबरी: देश भर के किसानों के लिए GST में कटौती
22 सितंबर, 2025 से भारत की GST प्रणाली में खेती के उपकरणों पर टैक्स कम कर दिया गया है। अब लगभग सभी ट्रैक्टर, उपकरण, और टायरों पर सिर्फ 5% GST लगेगा, जो पहले 12-18% था।
यह नियम पूरे भारत में, पंजाब से लेकर तमिलनाडु तक, लागू होता है। इसलिए हर जगह के किसानों को सस्ती मशीनरी और स्पेयर पार्ट्स का फायदा मिलेगा।
दो-स्लैब वाली GST संरचना (सितंबर 2025)
GST काउंसिल ने टैक्स प्रणाली को आसान बनाकर सिर्फ दो मुख्य स्लैब में बदल दिया है:
- 5% GST: – रोज़मर्रा की ज़रूरी चीज़ें और खेती की मशीनें
- 18% GST: – विशेष या लक्ज़री सामान
खेती के लिए इसका मतलब है:
- ज़्यादातर ट्रैक्टर, उपकरण और टायरों पर अब 5% GST लगेगा।
- यह सभी राज्यों में एक समान है, कोई छिपा हुआ राज्य कर नहीं।
ट्रैक्टर, उपकरण और टायरों के लिए नई GST दरें
सामान | पुरानी GST दर | नई GST दर | टिप्पणी/उदाहरण |
1800cc तक के ट्रैक्टर | 12% | 5% | भारत में इस्तेमाल होने वाले ज़्यादातर खेती के ट्रैक्टर, जिनमें 2WD और 4WD शामिल हैं |
1800cc से ऊपर के ट्रैक्टर (कृषि उपयोग) | 18% | 5% | भारत में इस्तेमाल होने वाले सभी खेती के ट्रैक्टर, जिनमें 2WD और 4WD शामिल हैं |
1800cc से ऊपर के ट्रैक्टर (सड़क/व्यावसायिक उपयोग) | 18% | 18% | भारत में सड़क/ढुलाई या व्यावसायिक उपयोग वाले ट्रैक्टर, जिनमें 2WD और 4WD शामिल हैं |
15HP तक के डीज़ल इंजन | 12% | 5% | अक्सर छोटे ट्रैक्टरों, पानी के पंप में इस्तेमाल होते हैं |
250cc से ज़्यादा के डीज़ल इंजन | 18% | 5% | माइक्रो-ट्रैक्टर या पंप के लिए बड़े इंजन |
मिट्टी तैयार करने वाले उपकरण | 18% | 5% | हल, हैरो, रोटावेटर, लैंड रोलर, कल्टीवेटर |
बुवाई और छिड़काव के उपकरण | 12 - 18% | 5% | सीड ड्रिल, प्लांटर, स्प्रेयर, ड्रिप किट |
हार्वेस्टर और बेलर | 12 - 18% | 5% | रीपर, थ्रेशर, स्ट्रॉ/हे बेलर, घास काटने की मशीन |
ट्रेलर और गाड़ियाँ | 12% | 5% | सेल्फ-लोडिंग ट्रेलर, हाथ/पशु गाड़ियाँ |
ट्रैक्टर के टायर और ट्यूब | 18% | 5% | ट्रैक्टर के आगे और पीछे के टायर, भीतरी ट्यूब |
मुख्य स्पेयर पार्ट्स | 18% | 5% | एक्सल, गियरबॉक्स, रेडिएटर, क्लच, ब्रेक, हुड, आदि |
खास बात: लगभग सभी खेती की मशीनें और उनके पुर्जे अब 5% GST के दायरे में हैं, जिससे उपकरण काफी सस्ते हो गए हैं।
किसानों को कितनी बचत होगी
नई 5% GST दर के साथ, किसान अब ट्रैक्टर, टायर और उपकरणों पर बहुत कम टैक्स देंगे। पहले इन चीज़ों पर 12% से 18% GST लगता था, जिससे कुल खरीद मूल्य बढ़ जाता था। दर को घटाकर 5% करके, सरकार ने हर बड़ी खेती की मशीन पर टैक्स का बोझ कम कर दिया है।
सरल शब्दों में, जहाँ किसान पहले हर ₹100 के खर्च पर ₹12 से ₹18 टैक्स देते थे, वहीं अब वे सिर्फ ₹5 देंगे। इस कमी का मतलब है कि ट्रैक्टर के टायर, स्पेयर पार्ट्स और उपकरण जैसी ज़रूरी चीज़ें ज़्यादा सस्ती हो जाएंगी।
जब यह ट्रैक्टर, कई उपकरण या थोक में स्पेयर पार्ट्स जैसी बड़ी खरीद पर लागू होता है, तो यह अंतर हजारों या लाखों रुपये तक का हो सकता है। इस वित्तीय राहत से किसान बेहतर तकनीक में निवेश कर सकेंगे, अपने उपकरणों का रखरखाव ज़्यादा नियमित रूप से कर सकेंगे और अंततः कम लागत पर अपनी खेती को आधुनिक बना सकेंगे।
देश भर में प्रभाव
GST में यह कटौती लगभग हर तरह की कृषि मशीन पर लागू होती है, जिसमें छोटे डीज़ल इंजन और हैंड पंप से लेकर स्प्रेयर, पावर टिलर, कंबाइन हार्वेस्टर और 1800 cc तक के बड़े ट्रैक्टर शामिल हैं। ये दरें भारत के सभी राज्यों में एक समान हैं, जिसका मतलब है कि पंजाब, महाराष्ट्र या तमिलनाडु के किसान एक ही GST का भुगतान करेंगे। साथ ही, निर्माताओं को इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलता रहेगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि किसानों पर कोई छिपा हुआ खर्च न डाला जाए।
यह क्यों मायने रखता है
टैक्स कम करके, सरकार ने ट्रैक्टर, टायर और उपकरणों को और ज़्यादा किफायती बना दिया है। इससे किसानों को बेहतर मशीनरी में अपग्रेड करने के लिए प्रोत्साहन मिलता है, कृषि लागत कम होती है, और खेती की उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलती है। लंबे समय में, इन बदलावों से आधुनिक उपकरण ज़्यादा किसानों तक पहुंचेंगे, जिससे देश भर में कृषि मज़बूत होगी।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ): ट्रैक्टर, खेती के उपकरण और टायरों पर GST (सितंबर 2025)
सवाल 1: किन ट्रैक्टरों पर 5% GST लगेगा?
कृषि उपयोग वाले सभी ट्रैक्टर, चाहे वे 2WD हों या 4WD, अब केवल 5% GST के दायरे में हैं। 1800cc तक के इंजन वाले सभी व्यावसायिक उपयोग के ट्रैक्टरों पर अब केवल 5% GST लगेगा और 1800 cc से ऊपर के भारी ट्रैक्टर 18% पर बने रहेंगे।
सवाल 2: क्या ट्रैक्टर के टायर और ट्यूब भी GST कटौती में शामिल हैं?
हाँ, ट्रैक्टर के आगे और पीछे के टायर के साथ-साथ भीतरी ट्यूब भी अब 5% GST के दायरे में हैं, जो पहले 18% था। यह एक बड़ी राहत है क्योंकि टायर सबसे ज़्यादा बदले जाने वाले पुर्जों में से एक हैं। उदाहरण के लिए, 50 HP ट्रैक्टर के लिए पिछले टायरों का एक सेट या बागवानी ट्रैक्टरों के लिए छोटे अगले टायर अब कम टैक्स के कारण बहुत सस्ते हो गए हैं। यहां तक कि अतिरिक्त भीतरी ट्यूब, जिन्हें किसान अक्सर आपात स्थिति के लिए रखते हैं, नई दर के तहत कम खर्चीले होंगे।
सवाल 3: खेती के उपकरण जैसे कल्टीवेटर, हल और हार्वेस्टर का क्या?
ज़्यादातर खेती के उपकरण और अटैचमेंट 5% GST श्रेणी में आ गए हैं। इसमें मोल्डबोर्ड हल, डिस्क हल, हैरो, रोटावेटर, कल्टीवेटर और लैंड रोलर जैसे मिट्टी तैयार करने वाले उपकरण शामिल हैं। इसमें सीड ड्रिल, प्लांटर, उर्वरक ब्रॉडकास्टर और पावर स्प्रेयर जैसे बुवाई और छिड़काव उपकरण भी शामिल हैं। यहां तक कि कंबाइन हार्वेस्टर, स्ट्रॉ बेलर और रीपर जैसी बड़ी मशीनें भी अब 5% पर कर योग्य हैं। उदाहरण के लिए, चाहे आप एक साधारण दो-डिस्क वाला हल खरीद रहे हों या धान के खेतों के लिए स्ट्रॉ बेलर, आपको वही घटा हुआ 5% GST देना होगा।
सवाल 4: क्या स्पेयर पार्ट्स अब सस्ते हो गए हैं?
हाँ, लगभग सभी प्रमुख स्पेयर पार्ट्स पर टैक्स 18% से घटकर 5% हो गया है। इसमें एक्सल, रेडिएटर, क्लच, ब्रेक असेंबली, हुड, फ्यूल टैंक, पैनल और गियरबॉक्स जैसी चीज़ें शामिल हैं। जो किसान नियमित रूप से घिसने वाले पुर्जे, जैसे क्लच प्लेट या ब्रेक शू, बदलते हैं, वे अधिक बचत करेंगे। यहां तक कि व्हील रिम और हाइड्रोलिक पंप जैसे बड़े कंपोनेंट, जिन पर पहले 18% GST लगता था, अब सिर्फ 5% पर हैं। इससे नियमित रखरखाव और बड़ी मरम्मत दोनों ही ज़्यादा किफायती हो गए हैं।
सवाल 5: क्या यह GST कटौती सभी राज्यों में लागू होती है?
हाँ। GST एक राष्ट्रव्यापी कर है, इसलिए घटी हुई दरें हर भारतीय राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में लागू होती हैं। चाहे आप पंजाब, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक या तमिलनाडु के किसान हों, ट्रैक्टर, टायर और उपकरणों पर GST एक समान—केवल 5% है। उदाहरण के लिए, यदि बिहार का एक किसान कल्टीवेटर खरीदता है और आंध्र प्रदेश का दूसरा किसान पावर स्प्रेयर खरीदता है, तो दोनों समान 5% GST दर का भुगतान करेंगे। यह एकरूपता सुनिश्चित करती है कि हर जगह के किसानों को राज्य-वार भिन्नताओं की चिंता किए बिना समान रूप से लाभ हो।
किसानों के लिए सारांश
नए GST नियमों से लगभग सभी खेती की मशीनरी और उपकरण 5% टैक्स श्रेणी में आ गए हैं। इसमें 1800 cc तक के ट्रैक्टर (व्यावसायिक उपयोग), हल, कल्टीवेटर, सीडर और स्प्रेयर जैसे आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले उपकरण, साथ ही टायर, ट्यूब और स्पेयर पार्ट्स शामिल हैं। जिन चीज़ों पर पहले 12% या 18% की ऊंची GST दरें लगती थीं, अब उन पर समान रूप से 5% टैक्स लगेगा।
इस बदलाव से, पूरे भारत के किसानों को मशीनरी खरीदने या अपग्रेड करते समय कम शुरुआती लागत का सामना करना पड़ेगा। यह कटौती वित्तीय बोझ को कम करती है, आधुनिक उपकरणों में निवेश को प्रोत्साहित करती है, और कृषि में उच्च उत्पादकता का समर्थन करती है। वास्तव में, यह सुधार ज़रूरी मशीनों को अधिक सुलभ बनाता है और किसान समुदाय के लिए दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित करता है।